How To Reach Kedarnath Temple From Delhi in Hindi

Kedarnath

यह मंदिर उत्तर खंड के रुद्रप्रयाग जिले में है उत्तरा खंड के प्रसिद्ध मंदिरो मे से एक मंदर है Kedarnath| ये मंदिर तल समुंदर से 3584 मीटर ऊपर है मंदाकिनी नदी के किनारे है मंदिर बर्फ से ढके पहाड़ो के बीच स्थिति है | चार धाम और पंच केदारनाथ का ही हिस्सा है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है केदारनाथ मंदिर को यात्रीगण ध्यान देते हैं क्योंकि यहा अत्यंत पवित्र और धार्मिक वातावरण है। मंदिर के चारों ओर शिवलिंग का समारोह है।

यह सबसे पुराना और महत्त्वपूर्ण हिन्दू धार्मिक स्थलों में से एक है जो शिव भगवान को समर्पित है। Kedarnath मंदिर का इतिहास वेदों और पुराणों से जुड़ा हुआ है और इसे महाभारत के काल से भी जाना जाता है। यहां पहुंचने के लिए यात्री नीलकंठ पर्वत के मजबूत रास्ते तय करते हैं और इस महाकाव्य की सुंदरता में रुचि लेने वाले यात्री यहां शिवजी के दर्शन के लिए आते हैं। इस धार्मिक स्थल की शांति और पवित्रता ने इसे एक आध्यात्मिक और पर्वतीय स्वर्ग बना दिया है।

केदारनाथ एक यात्रा का भी महत्वपूर्ण स्थान है, जिसे पौराणिक कथाएं और संतान ने शिव जी की पूजा के लिए यात्रा का अनुभव किया है। इस धार्मिक स्थल की सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक वातावरण को अनुभव करने के लिए यह भारतीय उपमहाद्वीप का एक अनूठा स्थान है और हिन्दू धर्म में एक प्रमुख चार धामों में से एक के रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है।

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दिल्ली से हरिद्वार का सफर ( धार्मिकता या आत्मा को छू लेने वाला सफर )

Kedarnath

यह यात्रा आपको न शिर्फ दिल्ली के व्यस्त शहर से हटाकर शांतिपूर्ण हरिद्वार तक पहुंचाती है, यदि आप दिल्ली से हरिद्वार का सफर कर रहे हैं तो आपको भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को महसूस करने का भी अवसर देती है। दिल्ली से हरिद्वार का सफर एक अद्वितीय और आध्यात्मिक अनुभव है, जिसमें आपको धार्मिकता और आत्मा के संबंध में नए दृष्टिकोण प्राप्त होता है

हरिद्वार, जिसे ‘हर की पौधा का द्वार’ के रूप में जाना जाता है, एक प्राचीन धार्मिक स्थल है जहां गंगा नदी का पानी शुद्ध माना जाता है। यहां आपको अनेक मंदिर, आश्रम और धार्मिक स्थल मिलेंगे जो आपके मन और आत्मा को शांति और आनंद प्रदान करेंगे यह सफर दिल्ली के शोर शराबे और हरिद्वार की पवित्रता के बीच एक योजना है, जो आपको स्वार्थ से दूर ले जाती है और आपको धार्मिकता के साथ जोड़ती है।

दिल्ली से हरिद्वार का सफर करके Kedarnath मंदिर पहुंचना एक अद्भुत और धार्मिक अनुभव है। हरिद्वार से केदारनाथ तक का सफर आपको गंगा के तटों, विशाल पहाड़ी दृश्यों, और पवित्र स्थलों के माध्यम से गुजरने का अवसर प्रदान करता है । इस सफर में आपको भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अद्वितीय अनुभव होगा, जिसे आप दिल से याद रखेंगे दिल्ली से हरिद्वार तक की यात्रा ट्रेन में लगभग 6-7 घंटे और बस में लगभग 5-6 घंटे का समय लेती है। हरिद्वार पहुंचने के बाद, आप Kedarnath मंदिर तक टैक्सी, बस या खुद की गाड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं। हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा का आनंद लें।

हरिद्वार से गौरीकुंड तक का रोमांटिक सफर ( प्रकृतिक सौन्दर्ये से भारी यात्रा )

Kedarnath

एक प्राकृतिक सौंदर्य भरी यात्रा है जो दिल्ली से शुरू होकर पहाड़ों की गोदी में बढ़ती है हरिद्वार से गौरीकुंड तक का यह रोमांटिक सफर, जिसे हम ‘Kedarnath मंदिर तक पहुंचने का रास्ता’ कहते हैं, जिसमें सुरम्य गाँव, धूप-छाँव भरे बाग-बगिचे और नदीयों की मिठास शामिल है हरिद्वार से गौरीकुंड तक की यह राह आपको विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर ले जाती है, जहां प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आत्मा मिलती हैं।

यह यात्रा हरिद्वार से शुरू होती है, जहां आपको गंगा नदी के पवित्रतम तटों का दर्शन करने का मौका मिलता है फिर, गौरीकुंड तक पहुंचने के लिए आपको पहाड़ी सड़कों का अभ्यास करना होगा, जहां आपको खूबसूरत पर्वतीय दृश्यों का आनंद मिलेगा इस सफर में आपको प्राकृतिक सौंदर्यों का आनंद लेने का अद्भुत अवसर मिलता है गौरीकुंड पहुंचने के लिए आप यातायात के विभिन्न साधनों का चयन कर सकते हैं, जैसे कि बस, टैक्सी, या खुद की गाड़ी। गौरीकुंड पहुंचने पर, आपको वहां के माध्यम से केदारनाथ तक पहुंचने के लिए विभिन्न योजनाएं उपलब्ध होंगी।

यह सफर न केवल धार्मिकता को अनुभव करने का मौका प्रदान करता है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य की अद्वितीयता से भी आपको मोहित करता है। यह यात्रा आपको दिल्ली के शोर शराबे से दूर करके हिमालयी प्राकृतिक सौंदर्य की ओर प्रवृत्त करती है, जो आत्मा को शांति और सकारात्मकता का अहसास कराता है सड़कों की सुविधा के बावजूद, आप यहां का सुंदर वातावरण भी उचित रूप से आनंदित कर सकते हैं।

गौरीकुंड से केदारनाथ (साधना से भरा सफर)

Kedarnath

दिल्ली से Kedarnath कैसे किया जा सकता है, यहां हम बता रहे हैं यह यात्रा विश्व में सबसे पवित्र धामों में से एक, केदारनाथ मंदिर की ओर एक अद्वितीय दर्शन है। दिल्ली से गौरीकुंड तक पहुँचने के लिए सबसे सुरक्षित और सार्थक माध्यम हैं रेलवे, हवाई यातायात, और बस सेवाएं , राजधानी एक्सप्रेस या गरीबरथ जैसी ट्रेनें रात के समय में गौरीकुंड जा सकती हैं इसके बाद, गौरीकुंड से केदारनाथ तक टैक्सी या बस की सेवाएं उपलब्ध हैं, जो यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाती हैं।

इस यात्रा का मजा यह है कि यह आपको हिल स्टेशन से गुजरने का अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है और आपको हिमालय की शानदार प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का मौका देता है यह यात्रा आपको धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समृद्धि प्रदान करेगी और आपके जीवन को एक नए दृष्टिकोण से देखने का अद्वितीय अवसर प्रदान करेगी केदारनाथ मंदिर पहुँचने का यह सफर भगवान की धरती में एक अद्वितीय साधना है, जिसमें आपको आत्मा की शांति और भक्ति का अद्वितीय अनुभव होगा।

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Delhi se Kedarnath by Train

सबसे पहले आपको दिल्ली से हरिद्वार की ट्रेन पकड़नी होगी। वहां से आपको हरिद्वार के बाद आगे का सफर करना होगा। हरिद्वार से आप उत्तरकाशी या रुद्रप्रयाग की ट्रेन ले सकते हैं। इन जगहों से आपको बस या टैक्सी का सहारा लेकर गौरीकुंड तक पहुँचना होगा। गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक आपको पैदल या गाड़ी का सहारा लेना होगा। यह पूरा सफर कुछ दिनों का हो सकता है, इसलिए सही तरीके से अपनी योजना बनाएं।

Delhi se Kedarnath by Bus

हरिद्वार तक आप कोई भी दिल्ली से चल रही बस या ट्रेन में सवार हो सकते हैं। बस के लिए आप कार्यालयों से टिकट बुक कर सकते हैं या ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं हरिद्वार से आप केदारनाथ के लिए बस या टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं। बस सेवाएँ उपलब्ध हैं जो आपको उच्च कोटि की सेवा प्रदान करेंगी। केदारनाथ पहुंचने के लिए बस या टैक्सी उपलब्ध होती है।

Kedarnath की यात्रा 5 दिन या 6 रातो की होती है

Day 1 दिल्ली से हरिद्वार तक का सफर (230 km) = दिल्ली से ट्रेन या फ्लाइट से हरिद्वार जा सकते हैं आप हरिद्वार में होटल में रुक जायें हैं और पहले शाम को गंगा आरती के लिए हरि की पौड़ी जायें और अपने होटल में रात भर रुके।

Day 2 हरिद्वार से रुद्रप्रयाग की यात्रा (165 km ) 6 घंटे = सुबह ही वहां से जोशीमठ के लिए निकलना होगा रास्ते में देवप्रयाग या रुद्रप्रयाग के होटल में रुक जायें।

Day 3 रूद्रप्रयाग से केदारनाथ (75 km ) 3 घंटे 14 किमी ट्रेक = गौरीकुंड के लिए सुबह पैदल या किसी डोली या टट्टू पर बैठ कर जाए और शाम की आरती के लिए Kedarnath जाएं और रात को वहीं किसी होटल में पर रुके।

Day 4 केदारनाथ से रुद्रप्रयाग (75 km) 3 घंटे = केदारनाथ के दर्शन करें और गौरीकुंड की यात्रा के लिए निकल जाएं और वहां से रुद्रप्रयाग जाएं और होटल में अपने कमरे में रात गुजारें।

Day 5  रूद्रप्रयाग से हरिद्वार- 160 किमी 5 घंटे = वहां से हरिद्वार के लिए निकले और ऋषिकेश में वहां के दर्शन स्थलों की यात्रा करें और हरिद्वार पहुंचकर वहां के किसी होटल में रात बिताई।

Day 6 हरिद्वार से दिल्ली 230 किमी 6 घंटे = सुबह को आप हरिद्वार के स्थान स्थल की वहां से फिर दिल्ली एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन के लिए निकले।

निष्कर्ष

दिल्ली से हरिद्वार का सफर एक अनूठा अनुभव है जो हमें धार्मिकता और आत्मा के साथ जुड़ाता है। इस यात्रा में हम दिल्ली से हरिद्वार की प्राचीन घाटों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों का दौरा करते हैं, जो हमें एक नए परिप्रेक्ष्य से जीवन को देखने का मौका देते हैं। इस सफर में हम अपनी आत्मा को छूने का प्रयास करते हैं और ध्यान में रहने के लिए समय निकालते हैं।

गौरीकुंड से केदारनाथ का सफर एक साधना से भरा हुआ अनुभव है। गौरीकुंड से शुरू होकर हम Kedarnath तक पहुंचने के लिए पहाड़ों की चट्टानों, गहरी घाटियों, और आकाशमंदित वातावरण में चलते हैं। इस सफर में हम अपनी आत्मा के साथ मेल करते हैं और अपने आत्मविकास की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। यह सूंदर यात्रा हमें अपने उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में मार्गदर्शन करती है और हमें एक नए स्पिरिचुअल उच्चाई की ओर बढ़ने का संदेश देती है।

गौरीकुंड से Kedarnath तक का सफर कैसे करें, इस यात्रा की विवेचना ने हमें यह सिखाया है कि सही योजना बनाना और सुरक्षित रूप से यात्रा करना कितना महत्वपूर्ण है। इस यात्रा में हमने अपने आत्मा के साथ संवाद करने का अद्वितीय अवसर पाया है और हमने अपने जीवन को सकारात्मक रूप से परिवर्तित करने का संकल्प लिया है।

इस यात्रा के माध्यम से हमने नए दृष्टिकोण और स्वयं को समझने का एक माध्यम प्राप्त किया है, जिससे हमारे जीवन को एक नए रूप में सजीव करने की प्रेरणा मिली है। यह सफर हमें यह सिखाता है कि धरोहर, सांस्कृतिक समृद्धि, और आत्मा के साथ जुड़ा हुआ Kedarnath यात्रा हमारे जीवन को सार्थक बना सकता है।

क्या हम ट्रेन से केदारनाथ जा सकते हैं?

हां, ट्रेन से केदारनाथ नहीं जा सकते हैं क्योंकि केदारनाथ रेल सेवा से सीधे नहीं जुड़ा हुआ है। सबसे नजीबाबाद या हरिद्वार रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी का उपयोग करके हरिद्वार के बाद की यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं।

केदारनाथ आसानी से कैसे पहुंचे?

केदारनाथ पहुंचने के लिए, सबसे निकटवर्ती रेलवे स्टेशन हरिद्वार है। हरिद्वार से आप बस, टैक्सी, या यातायाती वाहन का उपयोग करके गौरीकुंड तक पहुंच सकते हैं। वहां से केदारनाथ के लिए यात्रा को बूट या पोनी के साथ जारी रख सकते हैं। यात्रा में सुरक्षित और आरामदायक है।

केदारनाथ कौन से महीने में जाना चाहिए?

केदारनाथ यात्रा को मई से नवंबर तक करना उत्तम है, जब मौसम शानदार और पहाड़ों के पवित्र स्थल को सुरक्षित बनाता है। इस समय में तापमान मध्यम रहता है और बर्फबारी नहीं होती, जिससे यात्रा सुखद और सुरक्षित होती है।

केदारनाथ यात्रा में कितने दिन लगते हैं?

केदारनाथ यात्रा आमतौर पर 10 – 12 दिनों की होती है, जो हरिद्वार से शुरू होती है। यह समय यात्रा के आधार पर भिन्न हो सकता है, जो आपके विचारों, स्वास्थ्य स्तिति और आपके चयनित मार्ग पर निर्भर करता है। ध्यान रखें कि यह यात्रा शारीरिक और मानसिक तैयारी की आवश्यकता है।

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